विनोद मैहरा बेचैन

वी एम बेचैन का वास्तविक नाम विनोद मैहरा है। आपका जन्म 7 अगस्त 1976 को भिवानी में हुआ। आप हरियाणवी कवि व लेखक होने के अतिरिक्त मंच कलाकार व हरियाणवी अभिनायक भी हैं।

आप कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नात्तकोत्तर हैं।

प्रकाशित सामग्री:

चौपाल मेरे गांव की (हरियाणवी काव्य संग्रह), दश्ते अहसास (ग़ज़ल संग्रह), कसूता सिंह के कसूते चुटकले, काच्चे काट रे सां (हरियाणवी काव्य संग्रह), फँसो और हँसो (हरियाणवी हास्य चुटकलियां), शकुंतला अर दुष्यंत (हरियाणवी उपन्यास, अनुवादित), बिन तेरे बेचैन (ग़ज़ल/हज़ल संग्रह)

 

 

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री कितणी फोटो स्टेट सै | हरियाणवी ग़ज़ल

तेरी कितणी फोटो स्टेट सै इस धरती पै गिणा दे
तू रहवे सै किस जगह ओये भगवान पर्दा उठा दे

यो तेरा भगत तो तेरी छवि कई शक्ल में देखे सै
किसा गडबड घोटाला सै तू यो मामला सुलझा दे

बस इतणा ए कहूँगा साफ सुथरी महोब्बत करणीये
दिल के दरवाजे पै कोए अडंगा पड़ा सै तो ठा दे

मेरी बेईज्जती करके शायद उतर जावे कर्ज़ तेरा
तैंने जितने भी अहसान करे सै महफ़िल में गा दे

सर पैरा में धर के और हाथ जोडके रिक्वेस्ट सै
जो तेरे बस का नही सै मैंने वो लाहरसा ऩा दे

वो रोटी खाते टैम न्यू याद करया जणू पितर हो
तकलीफ किसने ज्यादा सही मैंने तू इश्क बता दे

साँस आखरी लेवेगा उस टाइम यो दोस्त बेचैन
तैंने छोड़ जिसपे वजूद गिरवी सै स्यामी ल्या दे

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