श्रीकृष्ण गोतान मंजर

श्रीकृष्ण गोतान मंजर (Shrikrishna Gotan Manjar) का जन्म 16 अप्रैल 1943 को भिवानी में हुआ।

आपने हिंदी में प्रभाकर, एम.ए. तक की शिक्षा ली व उर्दू डिप्लोमा (जामिया मिलिया इस्लामिया देहली) किया। दूरसंचार विभाग में सीनियर टैलीग्राफ मास्टर के पद पर रहे व तारघर, भिवानी से प्रभारी अधिकारी पद से सेवानिवृत हुए।

हरियाणा साहित्य अकादमी की पुस्तिका 'माटी के स्वर' में रचनाएँ प्रकाशित। संवाद व हरिगंधा इत्यादि पत्रिकाओं के अतिरिक्त अनेक समाचारों में रचनाएँ प्रकाशित।

आप गीत, ग़ज़ल, दोहे, मुक्तक, कुंडली, क्षणिकाएँ, खंडकाव्य व हास्य-व्यंग्य कविता इत्यादि विधाओं में लेखनरत है।

आपका हरियाणवी काव्य-संग्रह, 'कोये ना कोये बात सै' काफी लोकप्रिय व चर्चित रहा है।

Author's Collection

Total Number Of Record :2

बाट | हरियाणवी गीत

कोये ना कोये बात सै।
मेरी मायड़ जी हुलसावै॥

खड़ी धूप मैं बाल सँवारूँ-काग मँडेरै बोलै
किसकी याद दुवावै बैरी-कुण आवै जी डोलै
करै क्यूँ उत्पात सै -1

चिडी रेत मैं मलमल न्हावै-फुदकै भरै उडारी
श्याम घटा में बिजली चमकै-चालै परवा प्यारी
आवण नैं बरसात सै -2

...

More...

हरियाणा | हरियाणवी गीत

सब सै निराला हरियाणा
दूध घी का सै खाणा॥

कुरुछेतर महाभारत भूमि
गीता ज्ञान ठिकाणा॥

मर्रा नसल के सांड सजीले
ले कै पड़ै ना पछताणा॥

बीर यहाँ की मेहनतगारी
काम भरोटे ल्याणा॥

साँग तमाशे रागनी इसकी
के जाणै कोई गाणा॥

...

More...
Total Number Of Record :2

सब्स्क्रिप्शन

ताऊ बोल्या

Mhara haryana

हमारी अन्य वेब साइट्स