जगबीर राठी

डॉ जगबीर राठी (Dr. Jagbir Rathee) हरियाणा की बहुमुखी प्रतिभा हैं। आप लेखक, गायक, कवि, अभिनेता व बहुत अच्छे मंच कलाकार हैं। आपका जन्म 1 मई को हुआ था व आप जींद से संबंध रखते हैं। पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से आप रंगमंच से जुड़े हुए हैं। रेडियो, दूरदर्शन व कई हरियाणवी चलचित्रों (फिल्मों ) में काम किया है। आप महर्षि दयानंद विश्विद्यालय, रोहतक में युवा कल्याण विभाग में निदेशक हैं।

आपने अंग्रेजी व जनसंचार में मास्टर्स की है व लोक माध्यमों पर डॉक्टरेट (पी.एच.डी) की है।

डॉ राठी को उनके हास्यरस के अतिरिक्त हरियाणवी में 'गंभीर काव्य' लेखन के लिए जाना जाता है।

आपकी मुख्य कृतियों में, 'चुपचाप चिड़ी का बाप', 'बिदाई का गीत' व 'माटी का चूल्हा' हरियाणवी काव्य-संग्रह सम्मिलित हैं।

पंडित लखमीचंद सम्मान (2010) के अतिरिक्त सरस्वती अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस व हिंदी यू. एस.ए से सम्मानित।

 

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माटी का चूल्हा

उसनै देख कै एक माँ का मन पसीज़ ग्या
जब मॉटी का चूल्हा मींह कै म्हाँ भीज़ ग्या

चूल्हा वो माटी-गार का
सारे कूणबे के प्यार का

सीली बॉल छणया करती
सारयाँ की रोटी बणया करती

धोरै धरया रहता एक पलॅवा
कदे पूरी अर कदे हलवा

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