पं लखमीचंद की रागणियां

 (साहित्य) 
Print this  
रचनाकार:

 पं लखमीचंद | Pt Lakhami Chand

रागनी एक कौरवी लोकगीत विधा है जो आज स्वतंत्र लोकगीत विधा के रूप में स्थापित हो चुकी है। हरियाणा में मनोरंजन के लिए गाए जाने वाले गीतों में रागनी प्रमुख है। यहां रागनी एक स्वतंत्र व लोकप्रिय लोकगीत विधा के रूप में प्रसिद्ध है। हरियाणा में रागनी की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं व सामान्य मनोरंजन हेतु रागनियां अहम् हैं। हरियाणा की रागनियों की चर्चा हो तो पं लखमीचंद का नाम सर्वोपरि लिया जाता है। प्रस्तुत हैं पं लखमीचंद की रागणियां।

Back
More To Read Under This
कलियुग | रागणी
परीक्षित और कलियुग | रागणी
जन्म-मरण | रागणी
लेणा एक ना देणे दो
देखे मर्द नकारे हों सैं
हो पिया भीड़ पड़ी मै | हरियाणवी रागणी
एक चिड़िया के दो बच्चे थे | हरियाणवी रागणी
मत चालै मेरी गेल | हरियाणवी रागणी

सब्स्क्रिप्शन

ताऊ बोल्या

Mhara haryana

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें