मैं तो गोरी-गोरी नार, बालम काला-काला री! मेरे जेठा की बरिये, सासड़ के खाया था री?
तेरे जेठा की बरिये मन्नै बरफी खाई री।
वा तो बरफियां की मार जिबे धोला-धोला री! मेरे देवर की बरिये, सासड़ के खाया था री?
तेरे देवर के बरिये मन्नै लाडू खाये री।
वा तो लाडुआँ की मार जिबे पीला-पीला री! मेरे बालम की बरिये, सासड़ के खाया था री?
तेरे बॉलम की बरिये मन्नै जामण खाये री।
वा तो जामणा की मार जिबे काला-काला री! मैं तो गोरी-गोरी नार, बालम काला-काला री!! ....................मैं तो गोरी-गोरी नार, बालम काला-काला री!!
रचनाकार - अज्ञात प्रेषक - आरती शर्मा |