सावन मास हरियाणवी लोक-संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सावन मास में तीज का त्योहार हरियाणा में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
इस अवसर पर युवतियाँ व महिलाएं साज-श्रृंगार करती है व हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाती है। माता-पिता अपनी विवाहिता बेटियों के ससुराल वस्त्र व श्रृंगार की सामग्री भेजते हैं। तीज के त्यौहार पर बेटियों की अपने पिता के घर आने की प्रथा है।
पहले समय में तीज के दिन किसी तालाब के पास मेला लगता था, जहां पेड़ों पर झूला डालकर 'तीज के लोक गीत' गाती हुई बालिकाएं व महिलाएं झूला झूलती थीं। ग्रामीण परिवेश में अभी भी कहीं-कहीं ऐसे आयोजन होते हैं लेकिन आधुनिक भारत में पारम्पारिक रीति-रिवाज अब लुप्तप्राय हैं। |