झूलण आळी बोल बता के बोलण का टोटा झूलण खातर घाल्या करैं सैं पींग सामण में मीठी बोली तेरी सै जणो कोयल जामण में तेरे दामण में लिसकार उठै चमक रिहा घोटा झूलण आळी बोल बता के बोलण का टोटा
लरज लरज कै जावै से योह जामण की डाळी पड़ के नाड़ तुडा लै तैं रोवै तन्नै जामण आळी तेरे ढुंगे पै लटकै काला नाग सा मोटा झूलण आळी बोल बता के बोलण का टोटा
मोटी मोटी अंखियां के माह डोरा स्याही का के के गुण मैं कहूं तेरी इस नरम कलाई का चन्द्रमा सा मुखड़ा तेरा जणों नूर का लोटा झूलण आळी बोल बता के बोलण का टोटा
[म्हारा हरियाणा संकलन] |