दूध-दहीं हम मक्खण खांवैं हरियाणे का नाम बणावैं हरियाणे का नाम बणावैं
कुश्ती अर्र कबड्डी मैं हम बडे-बड्यां नैं धूल चटावैं हरियाणे का नाम बणावैं
देस के ऊपर मरण-मिटण नै सबतै ऊपर नाम लिखावैं हरियाणे का नाम बणावैं
हरयाणे के फौजी म्हारे देश के ऊपर जान लुटावैं हरियाणे का नाम बणावैं
खेलां मैं भी कम हम कोनी सबतै ज्यादा मैडल ल्यावैं हरियाणे का नाम बणावैं
खेतां कानी लिकड़ कै देख फसलां क्यूकर सैं लहरावैं हरियाणे का नाम बणावैं
देख उरै आम्बां के बाग कोयल मीट्ठा कितना गावैं हरयाणे का नाम बणावैं
सीदे-सादे भोले लोग इबै तक सैं खीचड़ी खावैं हरियाणे का नाम बणावैं
पीत्ज़ा, बर्गर नहीं सुहावै थाल भरैं यें हलवा खावैं हरियाणे का नाम बणावैं
-रोहित कुमार 'हैप्पी' न्यूज़ीलैंड |