लाड सै, दुलार सै--दोगाना

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी'

लाड सै, दुलार सै
आँखां के मैं प्यार सै
छोड़ मत जाइयै तू
तों ही घर बार सै!
.....लाड सै, दुलार सै
     आँखां के मैं प्यार सै!!

छोड़ कै मैं जाऊं कोनी
झूठी बात बताऊं कोनी
बिन तेरे रै पिया
ज़िंदगी बेकार सै।
.....लाड सै, दुलार सै
     आँखां के मैं प्यार सै!!

चांद जिसा रुप तेरा
हीर सी लगै सै तूं
लाखां मैं  एक कोई
तेरे जिसी नार सै!
.....लाड सै, दुलार सै
     आँखां के मैं प्यार सै!!

तू तो मेरा प्यार सै
मेरा संसार सै
सून्ना तेरे बिना सब
लाग्गै भरतार सै!
.....लाड सै, दुलार सै
     आँखां के मैं प्यार सै!!

होली हो, दिवाली हो
गोज चाहे खाली हो
तेरा जिब साथ हो
रोज ऐ त्यौहार सै! 
.....लाड सै, दुलार सै
     आँखां के मैं प्यार सै!!

--रोहित कुमार 'हैप्पी'
  न्यूज़ीलैंड

 

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