लगा बुढेरा एक बताण आपस मै ना करो दुकाण लगा बुढेरा एक बताण......
पडणा-लिखणा अच्छा हो सै पर माणस की सीख पछाण लगा बुढेरा एक बताण......
देखा-परखा सै जग सारा लाग रहे मेरे धौळे आण लगा बुढेरा एक बताण......
आपणी राखैं लोग छुपा कै आवैंगे ये तेरी खाण लगा बुढेरा एक बताण......
भोळा-सौद्दा माणस सूं मैं पर ना मूरख मन्नै जाण लगा बुढेरा एक बताण......
रग-रग मैं दुनिया की जाणूं लगे स्याणे मन्नै भकाण लगा बुढेरा एक बताण......
रोज-रोज की वए कहाणी सुण-सुण पाके पड़ै सैं कान लगा बुढेरा एक बताण......
- --रोहित कुमार 'हैप्पी' न्यूज़ीलैंड |