फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए (साहित्य)    Print this  
Author:मेहर सिंह

फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥
अरै फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए अपनी प्रेमकौर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥

हाँ तेरे बिना पिया इस घर मै दिखे घोर अँधेरा।
गाम बरोड़े मै तेरे बिन दिखे उज्जड डेरा।
चंदा बिना चकोरी सुनी सबने हो सै बेरा।
रही थान पै कूद बछेरी कित्त जा सै छोड़ बछेरा।

और फीका पड़ गया चेहरा मेरा
फीका पड़ गया चेहरा मेरा कित्त लुट्टे मेरे त्योंर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥1॥

अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥

हाँ शाम सावेरी मन्ने एकली नै खेता मै जाणा हो।
बदमास्याँ की टोली घुमै मुश्किल गात बचाणा हो।
तेरी खातर रहूंगी जीवती जब तक पाणी दाणा हो।
नहीं मौत का कोई भरोसा कद हो ज्या माल बिराणा हो।

हाँ बिना मोरनी कौन नचावै
बिना मोरनी कौन नचावै रंग रंगीले मोर नै।
अरै डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥2॥
अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥

हाँ पतला गात बैद ज्यू लरजे पाड़ी खिली जोर की।
होठ गुलाबी चमकै श जणू बिजली पुरे पोर की।
काली गौ मै तेरी सु देखू सु बाँट खोर की।
पतले पतले होठ मेरे जैसे बिजली पूरे पोर की।

हाँ कठपुतली की तरियां नाचूँ
कठपुतली की तरियां नाचूँ जद तू हलावे डोर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥3॥

अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥

हाँ दरजी के तै सीमा दिए मेरा लेडी मिन्टन सूट पिया।
पायाँ के मा मन्ने पराह ऊँची एड्डी के बूट पिया।
छम छम कर कै चालूँगी जणू फौजी जा रंग रूट पिया।
तेरे बिना क्यूकर जीउ कैसे भरू सब्र की घूँट पिया।

हाँ मेहर सिंह तो भूल ना जाइए
मेहर सिंह तो भूल ना जाइए अपनी चित्त चोर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥4॥

फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए अपणी प्रेमकौर नै।
डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै॥

--मेहर सिंह

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