नवी खबर (लघुकथाएं)    Print this  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी'

मैं चा आळे की दुकान पर बैठया चा की चुस्की मारदे-मारदे, अखबार पढण लगरया था। मेरी जड़ मै बेठया एक अनपढ़ सा बुजर्ग पूछण लगया, "रै बेट्टा सुणा कोई नवी खबर?"

"देश भर में अराजकता, दिल्ली में महिलाएं असुरक्षित, एक मंत्री पर घपले का आरोप, एक नव वधू दहेज की भेंट, एक खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में गिरफ्तार......।

'रै छोरै या नवी खबर सै.......?"

अर मै सोचण लगया या तो रोज होवै। सच सै! ...या कोई नवी खबर थोड़े सै!

मन्नै आंख ठाकै बुजर्ग की तरफ देखया इब वा अनपढ़-सा दिखण आळा बड़ा विद्वान दिक्खै था।

--रोहित कुमार 'हैप्पी'

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