आग्या मिल गय्या तन्नैं बेल | हरियाणवी ग़ज़ल (काव्य)    Print this  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी'

आग्या मिल गय्या तन्नैं बेल
लिकड़ चुकी सै कदकी रेल

जिब चावै आजाद घूम तौं
किसनै कर राखी सै जेल

जख्मां पै या नूण लगाकै
दुनिया देख्या करती खेल

सीदा-सादा कोई थय्या जै
कोल्हू मैं बस उसनै पेल

आ ज्यागी नाचैण नै राधा
कर ले कट्ठा नौ मण तेल

अपणा-सा लाग्गै वा 'रोहित'
मन का मन तै हो जिब मेल

-रोहित कुमार 'हैप्पी' 
   न्यूज़ीलैंड

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page

सब्स्क्रिप्शन

ताऊ बोल्या

Mhara haryana

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें